बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, ममता सरकार से जवाब की मांग

बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, ममता सरकार से जवाब की मांग

पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से विशेष जांच दल (SIT) के गठन और ममता बनर्जी सरकार से जवाब तलब करने की मांग की है।

मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज क्षेत्र में वक्फ अधिनियम के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसक झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई और 118 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए विशेष बलों की तैनाती की गई है और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं ।​

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को 'धर्मनिरपेक्षता विरोधी' करार देते हुए दावा किया है कि इससे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का हनन होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इस विधेयक को पेश करने से पहले राज्यों से परामर्श नहीं किया, जो संघीय ढांचे के खिलाफ है ।​

राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने राज्य सरकार को हिंसा पर रोक लगाने के लिए तुरंत कड़े कदम उठाने और पूरी घटना की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को पुलिस और राज्य सरकार की शह मिली हुई है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से विशेष जांच दल (SIT) के गठन की मांग की है ताकि राजनीतिक हिंसा और लक्षित हत्याओं की घटनाओं की निष्पक्ष जांच हो सके 

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब तलब किया है और मामले की अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित की है।

इस बीच, राज्य में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।

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