झारखंड के पाकुड़ जिले में रामनवमी जुलूस पर प्रशासन द्वारा लगाई गई रोक के विरोध में भारतीय जनता पार्टी



झारखंड के पाकुड़ जिले में रामनवमी जुलूस पर प्रशासन द्वारा लगाई गई रोक के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस निर्णय को राज्य सरकार की तुष्टिकरण नीति का परिणाम बताते हुए आरोप लगाया कि यह 'अघोषित रूप से ग्रेटर बांग्लादेश' बनाने की तैयारी का हिस्सा है।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि रामनवमी के जुलूस पर प्रतिबंध लगाना हिंदू समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है और यह दर्शाता है कि सरकार विशेष समुदाय को खुश करने के लिए बहुसंख्यक समाज की भावनाओं की अनदेखी कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार की ऐसी नीतियां झारखंड में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ सकती हैं।

इससे पहले, हजारीबाग में भी रामनवमी के जुलूस में डीजे बजाने पर प्रतिबंध को लेकर विवाद हुआ था। भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए पूछा था कि "क्या झारखंड में तालिबान का शासन है?" उन्होंने आरोप लगाया कि 104 साल पुरानी परंपरा को जानबूझकर नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।

राज्य सरकार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि प्रशासनिक निर्णय कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिए गए हैं और किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि सभी धार्मिक आयोजनों के लिए समान नियम लागू किए जा रहे हैं ताकि राज्य में शांति और सौहार्द बना रहे।

विशेषज्ञों का मानना है कि धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध और इस पर होने वाली राजनीतिक बयानबाजी से समाज में तनाव बढ़ सकता है। उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने और संवेदनशील मुद्दों पर संवाद के माध्यम से समाधान खोजने की अपील की है।

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