दुमका में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय ने किया जोरदार प्रदर्शन, मुख्यमंत्री से राज्य में लागू न करने की मांग

दुमका में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय ने किया जोरदार प्रदर्शन, मुख्यमंत्री से राज्य में लागू न करने की मांग दुमका (झारखंड), बुधवार: वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ बुधवार को दुमका की सड़कों पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में लोग आउटडोर स्टेडियम में एकत्र हुए और वहां से एक रैली निकालते हुए शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से होते हुए पुराना समाहरणालय परिसर पहुँचे। वहाँ सभा का आयोजन कर कानून के खिलाफ जमकर विरोध जताया गया। मुस्लिम कल्याण समिति के अध्यक्ष अब्दुस सलाम ने किया कानून का विरोध सभा को संबोधित करते हुए मुस्लिम कल्याण समिति के अध्यक्ष अब्दुस सलाम ने वक्फ संशोधन कानून को "काला कानून" करार देते हुए कहा कि यह अल्पसंख्यक समुदाय को कमजोर करने की साजिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार मुस्लिम समुदाय को निशाना बना रही है—चाहे वह तीन तलाक का मुद्दा हो या अब यह वक्फ संशोधन कानून। उन्होंने कहा कि पूर्वजों की दी गई वक्फ संपत्ति पर समुदाय ने विभिन्न धार्मिक और सामाजिक निर्माण किए हैं, जिस पर किसी बाहरी का अधिकार नहीं हो सकता। सांसद नलिन सोरेन की मुख्यमंत्री से अपील प्रदर्शन में झामुमो सांसद नलिन सोरेन ने भी हिस्सा लिया और सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान ने सभी धर्मों को अपने-अपने तरीके से जीवन जीने का अधिकार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बहुमत के बल पर विपक्ष की बातों को नजरअंदाज करते हुए जबरन यह कानून पास करवा रही है। उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया कि इस कानून को राज्य में लागू न किया जाए। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा लेकिन अल्पसंख्यक समाज की ओर से यह साफ संदेश दिया गया कि वे अपनी धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों की रक्षा के लिए किसी भी स्तर तक जा सकते हैं।

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