मैय्या सम्मान योजना: 'वोट लेकर बीच मझधार में छोड़ दिया', खाते में नहीं आया पैसा तो महिलाओं ने सुनाई आपबीती
सरकार द्वारा महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही मैय्या सम्मान योजना का लाभ अब तक कई महिलाओं को नहीं मिल पाया है। योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं के बैंक खातों में वित्तीय सहायता राशि भेजी जानी थी, लेकिन कई लाभार्थियों का कहना है कि उन्हें अब तक कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है।
वादे और हकीकत के बीच फंसी महिलाएं
जब चुनाव नजदीक थे, तब सरकार ने इस योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को हर महीने एक निश्चित राशि देने का वादा किया था। लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुए और नई सरकार बनी, वैसे ही कई महिलाओं को लगा कि उन्हें सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया गया।
ग्राम पंचायत की गीता देवी कहती हैं,
"चुनाव से पहले हमें कहा गया था कि हर महीने पैसे आएंगे, लेकिन अभी तक एक भी किश्त नहीं मिली। जब बैंक जाते हैं, तो कहा जाता है कि पैसा आया ही नहीं। अब हमें कोई पूछने वाला नहीं है।"
आवेदन के बावजूद नहीं मिली सहायता
कई महिलाओं ने शिकायत की कि उन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज़ जमा किए, आवेदन भी भर दिया, लेकिन उनके खाते में अब तक पैसे नहीं आए। कुछ महिलाओं ने अधिकारियों के चक्कर लगाए, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला।
सीता देवी, एक विधवा महिला, कहती हैं,
"हमने उम्मीद लगाई थी कि इससे घर चलाने में मदद मिलेगी, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि हमें सिर्फ झूठे वादों में उलझाया गया।"
सरकारी दावों और जमीनी सच्चाई में फर्क
सरकार का दावा है कि योजना सुचारू रूप से चल रही है और महिलाओं को पैसा मिल रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
स्थानीय अधिकारियों से जब इस बारे में सवाल किया गया, तो उनका कहना था कि
"कुछ तकनीकी कारणों से कुछ लाभार्थियों के खाते में राशि नहीं पहुंची है, लेकिन जल्द ही इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।"
महिलाओं की मांग: जल्द हो समाधान
जो महिलाएं इस योजना पर निर्भर थीं, वे अब सरकार से जवाब मांग रही हैं। उनका कहना है कि अगर वादा किया गया था, तो उसे पूरा किया जाए।
गांव की महिलाओं ने मिलकर सरकार से मांग की है कि
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जल्द से जल्द उनके खातों में योजना की राशि भेजी जाए।
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पात्र महिलाओं की सही लिस्ट जारी की जाए।
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तकनीकी समस्याओं को दूर कर, लाभार्थियों को सीधा लाभ मिले।
निष्कर्ष
मैय्या सम्मान योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक संबल देना था, लेकिन अब यह योजना अधर में लटकी नजर आ रही है। सरकार को जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकालना होगा, वरना महिलाओं का विश्वास टूट सकता है।